शरीर में होने वाले इन बदलावों से कर सकते हैं बच्चे की पहचान

शरीर में होने वाले इन बदलावों से कर सकते हैं बच्चे की पहचान

सेहतराग टीम

आज के समय में महिलाओं के पेट में लड़की है या लड़का जानना कानूनी रुप से गुनाह है। पकड़े जाने पर सजा भी होती है। लेकिन इसका पता लगाने का सिलसिला कम नहीं हो रहा है। क्योंकि लोग जानने के इच्छुक होते हैं कि उनको लड़का होगा या लड़की। तो आज हम आपको बताएगें कि आखिर घरों में रहते हुए महिलाओं के शरीर को देखकर कैसे पहचाने की उसके पेट में लड़का है या लड़की।

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गर्भावस्था की स्थिति बहुत दर्द भरी होती है, ऐसे में महिला को दर्द भूलाने का एक मौका यही होता है कि वो अपने पेट पर हाथ रख कर खुश हो जाए। लेकिन हर कोई ये जानना चाहता है कि क्या पेट में पल रहा बच्चा बेटा है या फिर बेटी। इसका जवाब वैसे तो उनके माता-पिता को बच्चे के जन्म पर ही मिल पाता है। लेकिन फिर भी कुछ लोग ऐसे हैं जो किसी न किसी तरीके से बच्चे का लिंग जांच कराते हैं जबकि ये कानून तौर पर अपराध है।

भारत में बच्चे का लिंग जांचना एक अपराध है

आपको बता दें कि साल 1994 में भारत की संसद ने प्री-कंसेप्शन एंड प्री-नेटल डायग्नोस्टिक टेक्निक्स (PCPNDT) एक्ट लागू किया था। जिसे प्रोहिबिशन ऑफ सेक्स सिलेक्शन एक्ट के नाम से भी जाना जाता है। इस अधिनियम के अनुसार, गर्भधारण के बाद भ्रूण के लिंग की पहचान करने के लिए किसी भी तकनीक का उपयोग करना अवैध है। यह महिला भ्रूण के गर्भपात को रोकने के लिए कार्रवाई में आया, जो भारत में अभी भी एक आम बात है। इस अधिनियम के तहत:-

  • अल्ट्रासाउंड और एमनियोसेंटेसिस जैसी मशीनों के जरिए बच्चे का लिंग जांच करने पर प्रतिबंध है।
  • जांच करने वाले सभी संस्थानों को अधिनियम के तहत पंजीकृत होना चाहिए। 
  • सभी संस्थानों को एक नोटिस प्रदर्शित करना होगा जो बताएगा कि इस कानून के तहत लिंग जांच करना जुर्म है। 

शोध के अनुसार

अमेरिका में हुए एक अध्ययन में कहा गया है कि गर्भवती महिलाओं के खून का डीएनए परीक्षण करने से सात हफ्ते के गर्भस्थ शिशु के लिंग का पता लगाया जा सकता है और इससे भ्रूण को कोई नुकसान नहीं पहुंचता। लेकिन आपको बता दें कि खून की जांच कराकर बच्चे का लिंग पहचानना गैरकानूनी है, ऐसा इसलिए क्योंकि अक्सर लोग लड़कियों को पेट में पलता देख उसका अबॉर्शन करवाने को तैयार है। यही वजह है जिसकी वजह से कई जगह लड़कियों के जन्म से पहले ही उन्हें मौत दे दी जाती है। जबकि अबॉर्शन कराना कानूनन तौर पर एक अपराध है साथ ही इससे महिला के स्वास्थ्य को काफी नुकसान पहुंचता है। 

अमरीका के हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में हुए एक शोध में यह बात सामने आई है कि महिला की भूख को देख बच्चे के लिंग का अंदाजा लगाया जा सकता है। शोधकर्ताओं ने बॉस्टन के एक अस्पताल में 244 गर्भवती महिलाओं की दिनचर्या का पूरा अध्ययन किया।इससे पता चला कि जो महिलाएं बेटों को जन्म देने वाली हैं, उन्हें भूख ज्यादा लगती थी। शोधकर्ताओं के मुताबिक, ऐसी महिलाओं को आठ प्रतिशत अधिक प्रोटीन, नौ प्रतिशत अधिक कार्बोहाइड्रेट और ग्यारह प्रतिशत अधिक चर्बी की जरूरत होती है। लेकिन दूसरी मेडिकल टीम ये मानने को तैयार नहीं। ब्रिटेन के केम्ब्रिज विश्विद्यालय के प्रोफेसर गॉर्डन स्मिथ का कहना है कि यहां ये माना जा रहा है कि किसी महिला के गर्भ में नर भ्रूण होने से उसे भूख ज्यादा लगती है। जबकि हो सकता है उसके खाने-पीने के तरीके के कारण ही उसके बेटा पैदा हो रहा हो। 

अन्य तरीके

  • ऐसे कई तरीके हैं जिनकी मदद से ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि पेट में पलने वाला बच्चा लड़का है या फिर लड़की। आइए आपको ऐसे कुछ तरीके बताते हैं जिनकी मदद से आप अपने आपको संतुष्ट कर सकते हैं। 
  • अगर गर्भवती महिला के पेट का निचला हिस्सा फूला हुआ है तो इससे आपको संकेत मिल सकते हैं कि गर्भ में लड़का पल रहा है। 
  • गर्भावस्था के दौरान महिला के पैर ठंडे रहने लगे और बाल झड़ने की समस्या पैदा हो तो इससे भी संकेत मिलते हैं कि गर्भ में लड़का है। 
  • महिला को अगर गर्भावस्था के दौरान मीठा खाने का मन करे तो ये गर्भ में लड़की होने का संकेत हो सकता है। 
  • पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द होने पर भी लड़की होने की आशंका जताई जाती है।  

आपको बता दें कि बच्चे के लिंग की जांच कराना गैरकानूनी है, इसे जांच करने वाले और जांच कराने वाले दोनों के लिए ही अपराध माना गया है। इस प्रक्रिया को गैरकानूनी इसलिए बताया गया है क्योंकि कई ऐसे परिवार हैं जो आज भी गर्भ में ही लड़की का पता चलने के बाद उसे मौत देने का काम करते थे। जिस पर पाबंदी लगाने के लिए इस तरह के कदम सरकार की ओर से उठाए गए थे। इसके साथ ही हमने आपको इस लेख में जो बच्चे के लिंग का अंदाजा लगाने की बात बताई है वो सिर्फ आपको अंदाजा ही लगाने के लिए है आप इसे पूरे भरोसे के साथ बिलकुल भी न लें।

 

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